ग्रामसभा संबंधित संपूर्ण जानकारी, Full Details about Gram Sabha

ग्रामसभा संबंधित संपूर्ण जानकारी, Full Details about Gram Sabha


  परिचय

ग्राम सभा किसी एक गांव या पंचायत का चुनाव करने वाले गांवों के समूह की मतदाता सूची में शामिल व्यक्तियों से मिलकर बनी संस्था है।गतिशील और प्रबुध्द ग्राम सभा पंचायती राज की सफलता के केंद्र में होती है।

किसी ग्राम की निर्वाचक नामावली में जो नाम दर्ज होते हैं उन व्यक्तियों को सामूहिक रूप से ग्राम सभा कहा जाता है। ग्राम सभा में 200 या उससे अधिक की जनसंख्या का होना आवश्यक है। ग्राम सभा की बैठक वर्ष में दो बार होनी आवश्यक है। इस बारे में सदस्यों को सूचना बैठक से 15 दिन पूर्व नोटिस से देनी होती है। ग्राम सभा की बैठक को बुलाने का अधिकार ग्राम प्रधान को है। वह किसी समय आसामान्य बैठक का भी आयोजन कर सकता है। ज़िला पंचायत राज अधिकारी या क्षेत्र पंचायत द्वारा लिखित रूप से मांग करने पर अथवा ग्राम सभा के सदस्यों की मांग पर प्रधान द्वारा 30 दिनों के भीतर बैठक बुलाया जाएगा। यदि ग्राम प्रधान बैठक आयोजित नहीं करता है तो यह बैठक उस तारीख़ के 60 दिनों के भीतर होगी, जिस तारीख़ को प्रधान से बैठक बुलाने की मांग की गई है। ग्राम सभा की बैठक के लिए कुल सदस्यों की संख्या के 5वें भाग की उपस्थिति आवश्यक होती है। किन्तु यदि गणपूर्ति (कोरम) के अभाव के कारण बैठक न हो सके तो इसके लिए दुबारा बैठक का आयोजन किया जा सकता है। दरबार बैठक के लिए 5वें भाग की उपस्थिति आवश्यक नहीं होती है।

प्रत्येक ग्राम सभा में एक अध्यक्ष होगा, जो ग्राम प्रधान, सरपंच अथवा मुखिया कहलाता है, तथा कुछ अन्य सदस्य होंगे। ग्राम सभा में 1000 की आबादी तक 1 ग्राम पंचायत सदस्य (वार्ड सदस्य), 2000 की आबादी तक 11 सदस्य तथा 3000 की आबादी तक 15 सदस्य होंगे।

  ग्राम सभा के सदस्य और बैठक


ग्राम सभा का क्षेत्र एक सम्पूर्ण ग्राम पंचायत होता है। ग्राम पंचायत क्षेत्र में रहने वाले सभी व्यक्ति जिनका नाम मतदाता सूची में दर्ज हो ग्राम सभा के सदस्य होते हैं।

  बैठक की अवधि

बिहार पंचायत राज अधिनियम, 2006 की धारा-3 के अन्तर्गत ग्राम सभा की बैठक हर तीन महीने में एक बार होनी आवश्यक  है। अर्थात् दो ग्राम सभा के बीच की अवधि तीन माह से अधिक का नहीं होना चाहिए। एक कैलेण्डर वर्ष (1 जनवरी से 31 दिसम्बर तक) में न्यूनतम चार ग्राम सभा आयोजित किया जाना अनिवार्य है। आवश्यकतानुसार ग्राम सभा चार से अधिक आयोजित किया जा सकता है। इसे आसानी से याद रखने के लिए बैठक प्रमुख राष्ट्रीय दिवस/अन्तर्राष्ट्रीय दिवस को आयोजित का सुझाव दिया गया है।

26 जनवरी   -     गणतंत्र दिवस

8 मार्च       -     अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस

01 मई      -     मजदूर दिवस

15 अगस्त   -     स्वतंत्रता दिवस

02 अक्तूबर  -     गांधी जयन्ती

14 नवम्बर   -     बाल दिवस


धारा-4 की उप धारा (3) के अनुसार ग्राम सभा की बैठक आयोजित करने की जिम्मेदारी मुखिया की है। ग्राम सभा की बैठक मुखिया द्वारा नहीं बुलाये जाने की स्थिति में पंचायत समिति के कार्यपालक पदाधिकारी (बी.डी.ओ.) को जानकारी मिलने पर वह बैठक बुलवा सकता है। कोई ग्रामीण (मतदाता) द्वारा बी.डी.ओ. को सूचना देने पर भी बी.डी.ओ. बैठक आयोजित करेगा। कार्यपालक पदाधिकारी बैठक में भाग लेने हेतु स्वयं या अपने स्थान पर किसी सरकारी सेवक की प्रतिनियुक्ति कर सकते हैं।

  बैठक की सूचना

बैठक की सूचना डुगडुगी बजाकर, लाऊडस्पीकर से और ग्राम पंचायत कार्यालय के सूचना पट्ट पर नोटिस चिपकाकर या अन्य माध्यमों से आम जनता को दिया जाना आवश्यक  है।

बैठक की अध्यक्षता

ग्राम सभा की प्रत्येक बैठक की अध्यक्षता उस ग्राम पंचायत का मुखिया और उसकी अनुपस्थिति में उप मुखिया करता है।

बैठक का कोरम

ग्राम सभा की बैठक का कोरम कुल सदस्यों की संख्या के बीसवें भाग अर्थात् 5 प्रतिशत  की उपस्थिति से पूरा होने का प्रावधान है। अगर कोरम के अभाव में बैठक स्थगित हो जाती है तो उसके बाद की बैठक बुलाने पर कुल सदस्यों की संख्या के चालीसवें भाग यानि 2.5 प्रतिशत  की उपस्थिति से कोरम पूरा होने का प्रावधान है। 


कोरम पूरा नहीं होने पर ग्राम सभा की बैठक का निर्णय मान्य नहीं होगा। अर्थात् ग्राम सभा बैठक में कोरम का पूरा होना हर हाल में अनिवार्य है।

  ग्राम पंचायत के विचारणीय विषय

A. ग्राम पंचायत का वार्षिक लेखा-जोखा के बारे में चर्चा करना।
B. पिछले वित्ततीय वर्ष के प्रषासनिक प्रतिवेदन पर विचार करना।
C. पिछली अंकेक्षण टिप्पणी पर विचार करना।
D. अगले वित्तीय  वर्ष के लिए ग्राम पंचायत के बजट पर विचार करना।
E. पिछले वर्ष के विकास सम्बंधी कार्यों पर समीक्षा करना।
F. चालू वित्तीय  वर्ष में शुरू किए जाने वाले प्रस्तावित विकास कार्यक्रम पर विचार करना।
G. निगरानी समिति की रिपोर्ट पर विस्तार से चर्चा करना। 

ग्राम पंचायत के कार्य
A. गाँव में किये जाने वाले विकास के कार्यों में सहायता करना।गाँव के विकास स्कीमों का कार्यान्वयन करने के लिए लाभान्वित होनेवालों की पहचान करना; परन्तु यदि समुचित समय के भीतर ग्राम सभा लाभाविन्तों का चयन करने में विफल रहती है तो ग्राम पंचायत ऐसे लाभान्वितों की पहचान करेगी।

B. ग्राम पंचायत क्षेत्र में श्रमदान करके सहयोग देना।
गाँव के भीतर जन षिक्षा और परिवार कल्याण कार्यक्रमों में सभी तरह के सहयोग देना ।
गाँव में समाज के सभी वर्गों के बीच एकता और सौहार्द बढ़ाना।

C. ग्राम सभा की बैठक में सदस्यों की सक्रिय भागीदारी पंचायत राज व्यवस्था को सुदृढ़ एवं ग्रामीण विकास को गति प्रदान कर सकती है। इसलिए ग्राम सभा के सदस्यों का ग्राम सभा की बैठक में जाना न केवल उनका अधिकार ही है, बल्कि उनका  कर्त्तव्य  भी है। अपनी भूमिका निभाने के लिए प्रत्येक ग्राम सभा के सदस्य को अपने अधिकार और कर्तव्य के प्रति जागरूक रहना ग्राम पंचायत के चतुर्दिक विकास एवं सतत् प्रगति के लिए नितांत आवश्यक  है। ग्राम सभा में सदस्यों के सक्रिय भागीदारी से ही पंचायतों का सर्वांगीण विकास संभव है और तब गाँधी का सपना ''ग्राम स्वराज हो अपना'' सफल होगा अन्यथा वह कमजोर होगा और पंचायती राज की अवधारणा संदिग्ध रहेगी। इसलिए यह माना जाता है कि ग्राम सभा पंचायती राज की आत्मा है और आत्मा की रक्षा करना प्रत्येक नागरिक का धर्म एवं कर्म होता है। ग्राम सभा में आमजन को ''आवाम'' के सम्पूर्ण विकास के संबंध में विचार करना चाहिए। ग्राम सभा में व्यक्तिगत आकांक्षाओं को तरजीह नहीं दिया जाना चाहिए। इस डपदकेमज को ग्राम सभा के माध्यम से बदला जा सकता है। अतएव अधिनियम के प्रावधानानुसार ग्राम सभा की नियमित बैठक अनिवार्य है।

निगरानी समिति


ग्राम पंचायत के कार्यों, योजनाओं अन्य कार्यकलापों चाहें वह व्यक्ति से सम्बन्धित हो या सामुदायिक विकास की योजनाएँ, जो उस ग्राम पंचायत से संबंधित हों, का पर्यवेक्षण करने एवं पर्यवेक्षण प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हेतु ग्राम सभा आवश्यकतानुसार एक या एक से अधिक निगरानी समिति का गठन कर सकती है। ग्राम पंचायत का कोई निर्वाचित सदस्य निगरानी समिति का सदस्य नहीं हो सकता है। अतएव इस समिति के गठन से ग्राम पंचायत के कार्यों, उसके कार्यान्वयन, तथाकथित अपनायी गई अनियमितता एवं मनमानी पर रोक लगा सकेगी। ग्राम पंचायत के मतदाताओं में से ही इस समिति का गठन होगा और यह समिति अपना रिपोर्ट ग्राम सभा में रखेगी।

स्रोत: पंचायती राज विभाग, भारत व बिहार सरकार|

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